तु एक परमहंस
तु एक परमहंस, नयनी देखिला गे माये
उजळोनी मंगलआरती, शिरी वंदियले पायी
तु एक परमहंस ||धृ||
।।१।। वासना वस्त्र फाडी, व्दैत जानवे तोडी
मुंडोनिया कर्मकेश, भेद निशेष: काढी
तु एक परमहंस, नयनी देखिला गे माये ||धृ||
।।२।। जाळोनिया वृत्तिवृक्षा,सर्व गिळोनी अपेक्षा
मंत्र आणि तंत्र नेणे, दत्त अवधुत दिक्षा
तु एक परमहंस ||धृ||
।।३।। सर्वाधी साक्षीभूत, जन बंधन मुक्त
प्रणवातीत सो़sहम् आत्मा, केशवस्वामी प्रत्यक्ष
तु एक परमहंस, नयनी देखिला गे माये
उजळोनी मंगलआरती, शिरी वंदियले पायी
तु एक परमहंस ||धृ||